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इमानदार छवी बैहतरीन कार्यशैली सच्ची जनसेवा के धनी है निगम आयुक्त अमन

 

 

 

 

 

 

योगेश शर्मा नाम ही काफी है सत्यमेव जयते

*अमन वैष्णव ने बदली निगम ग्वालियर की तस्वीर*
एक युवा आईएएस अधिकारी की ऊर्जा किसी भी विभाग की तस्वीर किस तरह बदल सकती है इसका स्पष्ट। उद्धाहरण है ग्वालियर के युवा निगम कमिश्नर अमन वैष्णव जब उन्होंने ग्वालियर के निगम आयुक्त का पद संभाला था तब लोगों को विश्वास ही नही हो रहा था कि कैसे एक युवा और कम अनुभवी ग्वालियर जैसे शहर की नगर निगम को संभालेगा पर ये मोहन सरकार का वो अधिकारी था जिसने कभी हरण नही सिख अपनी युवा सोच और आक्रमकता से उसने कई बड़े बदलाव निगम के अंदर किये जिससे उनकी प्रशासनिक पकड़ क अंदाजा लगाया जा सकता है आते ही जिज़ तरह से अमन वैष्णव ने स्वच्छता मिशन को प्राथमिकता दी जिसके असर अब धीरे धीरे शहर में फिर से दिखने लगा है करीब करीब बन्द से हो चुका कचरा संग्रहण के कार्य को पुनः संचालित कर अमन वैष्णव ने एक कदम और ग्वालियर की स्वच्छता रैंकिंग सुधारने के ओर बढ़ा दिया है । पर निगम आयुक्त अमन को पहचान उनके उस कठोर फैसले ने दिलाई जिसने निगम की तस्वीर बदलने में मुख्य भूमिका निभाई वो था कर्मचारियों को उनके मूल पद पर वापस भेज देना क्यूंकि निगम की भ्र्ष्टाचार की मूल जड़ ही वो अधिकारी कर्मचारी थे जो अपने मूल पद का कार्य छोड़कर किसी मलाईदार कुर्सी पर अपने राजनैतिक आका की बदौलत बैठे थे । ग्वालियर में वैसे कई पयरव कमिश्नरों ने अच्छा काम किया पर वे इस ततैया के छठे में हाथ नही डाल सके जिसका परिणाम यह हुआ कि उनकी

बेहतरीन सोच इन निगम के निक्कमे कर्मचारियों की वजह से धरातल पर नही आ सकी । पहले कमिश्नर बदलते थे पर कमिश्नर का निज सचिव वही रहता था उसकी इतनी धाक की कोई कमिश्नर उसे उसके मूल पद पर लाखों शिकायतों के बाद भी नही भेज पाया पर ये कुछ कर गुजरने की दवा सोच अम्न वैष्णब की जिसने लाख राजनैतिक दबाब व प्रलोभनों को ठुकरा सबसे पहले उसी भृष्ट को उसके मूल पड़ पर भेजा । ऐसा नही है कि इस युवा आयुक्त की राह आसान है पर मानसिक तौर पर परिपक्व अमन इस राह को अपने प्रशासनिक कौसल से आसान कर लेंगे ।

*कौन है निगम आयुक्त की राह के रोड़े*
ग्वालियर निगम जिसका एक नाम नरक निगम भी प्रचलित है इसे नरक बनाने के दो महत्वपूर्ण घटक है पहला वर्षों से जमे कुछ भ्रस्ट अधिकारी और दूसरा निष्ठुर राजनीति । आज निगम आयुक्त के सामने इन चुनौतियों से पार पाना सबसे जरूरी है यदि आप कुछ समय से निगम में हो रहे बदलावों पर गौर करेंगे तो आप देखेंगे कि कुछ पार्षद व एम आई सी मेम्बर अधिकारियों पर दबाब बनने के लिए परिषद में मनगढ़ंत आरोप लगा रहे है पयरव में जिन भ्रस्ट अधिकारियों की सांठ गांठ से ये पार्षद अपने क्षेत्र के विकास का पैसा अपनी जेबों में भर रहे थे पर अमन वैष्णब ने इस सांठ गांठ की रेलमपेल कर दी है
सालों से एक ही कुर्सी पर बैठे बैठे कामचोरी का लखवा खाये भ्रष्ट कर्मचारियों को मलाईदार कुर्सी से उतार कर काम वैशाखी पकड़ा कर काम करना आयुक्त ने चालू करा दिया है अब चरमरा रही कमर से काम करते हुए इन अधिकारियों को बड़ी तखलिफ़ हो रही है पर । आयुक्त निगम ने भी कसम खा ली है कि पूरे निगम का छवि बदल देंगे और उसे फिर एक बार नरक निगम से नगर निगम बना देंगे।

*बौखलाए गुरू चेला बुद्धिजीवी प्रतिदिन लगा रहे है अनर्गल आरोप*
आये दिन आइएएस एंव आइपीएस अधिकारियों की खबर लिखने वाले गुरू चेला पत्रकार अपनी ओछी मानसिकता का परिचय अपनी कलम की काली स्याही से शब्दों का मकड़जाल बुन कर दे रहे हैं जबकी इस चेले को ग्यान उसका उसकी गुरू दे रहा है जो जीवन के अंतिम पढाव पर है अब इनसे कोई ये पूछे कि जब लोग अवैध वशूली की बात इनके सामने कर रहे थे तो इनको क्या समझ कर अपने साथ बिठाये थे दोस्त या फिर पत्रकार? या फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर अकेले में बताई थी इनको कोई नही हम तो इनको अच्छे से जानते है इनको क्यों बताई थी और तो और अब शहर की जनता भी जानती है की ये पत्रकारिता सिर्फ परिवहन विभाग के पूर्व भ्रष्टों के लिये चमडें के जहाजो की शैर करना थी या ब्लैकमेलकारिता चलो खैर कोई नही समझदार को इशारा काफी है । कोई नही आप खबरों से अपडेट रहिए और उनकी खबरों से मनोरंजन देखते रहिये। सत्यमेव जयते

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