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2 ब्लैकमेलर पत्रकारों की कहानी हमे भीक दे दो। हमारे घर के चूल्हे बुझे हुए हैं। नई तो करेंगे झूठी शिकायतें छापेंगे। ब्लैकमेलिंग वाली खबरें।

 

 

 

 

 

 

योगेश शर्मा नाम ही काफी है सत्यमेव जयते

 

ग्वालियर चंबल अंचल में। ब्लैकमेलिंग पत्रकारिता की सभी हदें पार करने पर उतारू। 2 गुरु चेला पत्रकार।

 

ग्वालियर चंबल अंचल में इंन दिनों दो ब्लैकमेलर पत्रकारो का आतंक दिनोंदिन फल फूल रहा है।आए दिन कई शासकीय विभाग इनकी चपेट में आने लगे हैं चाहे उन विभागों में ईमानदारी से कार्य। किया जा रहा है जिसके बावजूद भी इन। दो तथाकथित फर्जी ब्लैक मेलर शराबी। कबाड़ी टायप के पत्रकार अपनी टुच्ची हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं। वहीं मामला मध्यप्रदेश परिवहन विभाग का है जहां इन। दिनों परिवहन कमिश्नर। श्री विवेक शर्मा जीके आदेश अनुसार मध्यप्रदेश के सभी चेक पॉइंटों पर नियमानुसार पारदर्शिता के साथ परिवहन स्टाफ। कार्यरत है लेकिन ग्वालियर चंबल के इन। दो देसी गुरु चेला। कुत्ते टाइप के पत्रकार उन विचारे ईमानदार परिवहन विभाग स्टॉफ को। काटने के लिए दिन रात ढूंढ रहे हैं क्योंकि इसका मुख्य कारण है की पूर्व में परिवहन विभाग द्वारा दी हुई भीक से इन्हीं दो ब्लैक मेलरों का घर परिवार चलता था। लेकिन पिछले एक साल से जब। से परिवहन विभाग में भ्रष्टाचार 0 पर पहुँच चुका है। तब से लेकर आज दिनांक। तक इन। दोनों पत्रकारों के घर के चूल्हे बंद हो गए। इनकी स्थिति आज एक देसी पागल कुत्तों के माफिक होती जा रही है। जो कि दिन रात कहीं तो कहीं इस चैक प्वाइंट तो कहीं उस चैक प्वाइंट पर जा। जाकर ईमानदार परिवहन टीएसआई एवं आरटीआई से भीख मांगने पर मजबूर हैं और जो भी आरटीआई या टीएसआई इन भिखारियों को भीख देने से मना कर देता है। तो यह उसके खिलाफ झूठी  ख़बरें छापकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर देते हैं आखिर यह कैसी पत्रकारिता है? ये हमें तो समझ नहीं आएगी। लेकिन हमारे पाठकों को जरूर समझ में आ चुकी होगी। कि यह तो पत्रकारिता के नाम पर सिर्फ और सिर्फ किसी भी ईमानदार कर्मचारी अधिकारियों को ब्लैकमेल करने की साजिश की जा रही है हालाँकि हमारा उद्देश्य किसी व्यक्ति विशेष के लिए लिखना नहीं है लेकिन हम प्रदेश भर के सभी पत्रकारों का सम्मान करते हैं लेकिन कुछ तथाकथित दलालों ब्लैकमेलर पत्रकारों का हम हमेशा से ही विरोध करते हैं वो करते रहेंगे। क्योंकि जब जब ऐसे ब्लैक मेलरों द्वारा सत्य की हार कराने की योजना बनाई गई है। तब तब एक ईमानदार अधिकारी ने इस विभाग में। मैं सच्चाई को और मजबूती से आगे खड़ा कर। दिया है और इस प्रकार के ब्लैकमेलरों द्वारा दी हुई फर्जी खबरों से ना हमें फर्क पड़ता है न उन लोगों फर्क पड़ता है जो कि अपना काम ईमानदार यह सच्चाई के साथ करते हैं सत्यमेव जयते।

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