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परिवहन सिन्डीकेड मेंबरों पर लोकायुक्त का सिकंजा अगला नंबर किसका? तुमराम या बघेल इनकी अवैध संपती हम बतायेंगे

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

योगेश शर्मा नाम ही काफी है सत्यमेव जयते

*परिवहन नाकों पर तैनाती और ठेके पर लेने वाले पूर्व सिपाही के यहाँ लोकायुक्त का छापा*

ग्वालियर.भोपाल। लोकायुक्त की बढी कार्यवाही जी हां आपने अक्सर लोकायुक्त की कार्यवाही के बारे हमेशा सुना होगा लेकिन परिवहन विभाग में पदस्थ भ्रष्टाचारियों के खिलाफ लोकायुक्त ने कार्यवाही की इसे सुनकर आपके जहन में ये सबाल जरूर खडा होगा की आखिर ये कैसे हुआ तो हम बताते है हाल ही में पदस्थ हुये लोकायुक्त विभाग में एडीजे जयदीप प्रसाद जिनके नाम के आगे जय है और दीप है ये वो दबंग आअपीएस अधिकारी है जिनके नाम से बढे बढे भ्रष्टाचारी भ्रष्टाचार छोड देते है और उनके आने से ही उन्होने परिवहन विभाग के एक बढे मगरमच्छ को दबोच दिया वही  प्रदेश में किस तरह से भी भ्रष्टाचार चरम पर है ये किसी से छुपा नही है और इसमें भी परिवहन विभाग अव्वल है जिस की तस्दीक हाल ही में पड़े लोकायुक्त के छापे से होती है जिसमे परिवहन विभाग के एक पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के घर से  करोड़ो रूपये के सोना चांदी कैश और सम्पतियों के कागज बरामद हुए है चंद सालों की नौकरी में ही फर्श से अर्श तक का सफर करने वाले सिपाही सौरभ शर्मा ने हमारी उन खबरों को पुष्ट कर दिया जिसमें हम लगातार परिवहन सिंडिकेट के उस नेक्सेस को बेनकाब कर रहे है जिसमें मंत्री संतरी और ट्रांसपोर्टर शामिल है। हाल ही में हमारी एक खबर में हमने सौरभ शर्मा के माताटीला में लिए गए मछली पकड़ने के 80 करोड़ के ठेके का जिक्र किया था और यह भी पूछा था कि आखिर क्यों जांच एजेंसियाँ इनकी तरफ से आंख मूंदे हैं परिवहन का एक मामूली सिपाही आखिर चंद वर्षों में ही कैसे अरबपति बन जाता है । खैर कोई नही हमारा तो काम ही सच को उजागर करने का है और हम यह काम पूरी निष्ठा से करते रहेंगे । और रही परिवहन विभाग में वसुली की तो अभी भी बदस्तूर जारी है क्योंकि परिवहन विभाग में कई सौरभ शर्मा है जो इस विभाग को नोंच नोंच कर खा रहे हैं  सूत्रो की माने तो आज भी सौरभ शर्मा के पास दो वैरियर का ठेका था ।

*सूत्रो से खबर है विभाग के साथियों ने ही निपटाया सौरभ को?*

घर का भेदी लंका ढहाए कहावत वर्षो पुरानी है पर आज भी सटीक बैठती है सौरभ शर्मा के लोकायुक्त छापे के विषय मे परिवहन विभाग में दवे लब्जों में यही बात सामने आ रही है विभाग के ही एक और रसूखदार पंडित जी सौरभ को निपटाने के सूत्रधार हैं और हों भी क्यों ना क्योंकि  पूर्व परिवहन  मंत्री के कार्यकाल में जिस तेजी से सौरभ विभाग में रसूख बढ़ा रहे  थे उससे उनकी मोटी कमाई पर असर जो आने लगा था इसलिए पहले सौरभ शर्मा की नियुक्ति की शिकायतें लगवाई गई और उन्हें विभाग छोड़ने पर मजबूर किया गया फिर जब सौरभ के विभाग छोड़ने पर भी उसका दखल वैरियर पर तैनाती और ठेके में बना हुआ था जिसके चलते सौरभ शर्मा से विभाग के कुछ उनके ही साथी नाराज थे जिसका नतीजा है यह लोकायुक्त का छाप । चलो जैसे भी पड़ा पर सही पड़ा बस जांच एजेंशियाँ इसे अंजाम तक लेकर पँहुच पाए यही काफी हैं वरना तो हमने यही सुना है कि खूब माल खाओ और पकड़े जायो तो माल देकर छूट जाओ ।

*परिवहन विभाग के भ्रष्टाचारियों की सूची है लंबी*

हाल ही में परिवहन के पूर्व सिपाही सौरभ शर्मा के यँहा पड़ा छापा तो ऊंट के मुह में जीरा के समान है लेकिन अभी तो सूत्र बताते है करीब 500 करोड की संपती इस आरझक ने बनाइ है वही माताटीला डेम में 80 करोड का ठेका भी इस आरझक के पास एक मंत्री की क्रपा से चल रहा है और उस ठेके में मंत्री की काली कमाई भी लगी है जिसका खुलासा हम जल्द सबूत सहित अगले अंक में छापेंगे वही परिवहन विभाग में तो इससे भी बड़ी बड़ी मछलियां है जो अरबो खरबों की संपत्ति के मालिक है जिनमे से एक भोपाल बाला औरतों का सोंकीन बीमारू आरटीआइ है और दूसरा इंदौर बाला एक आरटीआई जिसके पास भी वेहिशाब संपती है और ये दोनो ही आरटीआइ परिवहन चैक पाइन्टों को ठेके पर चलाते है जिनमें सैधबा मोतीनाला खबासा खडइ पढोरा और कइ है जिनमें इन्होने कई गुलाम टीएसआइयों और आरटीआइयों लाखो रुपये लेकर डमी बना कर पदस्थ कराया है

*सूत्रो से खबर है परिवहन आरटीआइ तुमराम और आरटीआइ किशोर भी अरबो के आसामी* 

इस पैराग्राफ को पढ़कर आपके पैरो तले जमीन जरूर खिसक जायेगी लेकिन क्या करें मेरा नाम योगेश है और सरनेम सत्यमेव जयते है तो इन भ्रष्टाचारियों को उधेडना। तो बनता ही है अब बात करते है परिवहन विभाग में पदस्थ एक आरटीआइ की जिसका नाम तुमराम है यह भोपाल कैंप आफिस में पदस्थ है और परिवहन सिन्डीकेड का आका कहलाया जाता है वही बात करें इसकी संपती की तो सूत्र बताते है की इसके पास भोपाल होसंगबाद बैंगलूरू और चैन्नई जैसी जगह पर वेहिशाब संपती है जिसमें ( किलनदेव अपार्टमेंट बोर्ड आफिस भोपाल) ( एक मिनाल रेजिडेन्सी में ऐचआइजी बंगला)( एक अरेरा कालोनी भोपाल में गुमनाम बंगला जहां चमडे के जाहज से लेकर करोडो का कलेक्सन यही से होता है)( और होसंगाबाद में सेंकडो एकड़ जमीन और फार्म हाउस) ( एक बैंगलूरू में एक बंगला और रेसमेन्ट) और 2 करोड की वेदिशी बाल्वो कार ( और चैन्नइ में कइ संपतिया )( भोपाल में कइ शादी के गार्डन) इन सब का मालिक आरटीआइ तुमराम है ऐसा सूत्रो से खबर है वही दूसरा आरटीआइ किशोर के पास इंदौर और पीतमपुर में कइ संपतिया है जिनमें इंदौर में कई शादियों के गार्डन एंव स्कूल एंव पीथमपुर में कई फैक्ट्रीयों में पार्टनरसिप भी है ऐसा हमारे सूत्रो से खबर है वही देखा जाये तो लोकायुक्त और ईडी जैसी जांच एजेन्सियों को परिवहन। विभाग में पदस्थ इन बढे दो नंबरी मगरमच्छो की संपतियों को देखना जरूरी है सत्यमेव जयते

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