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कइ सालों से क्राईम ब्रांच थाना में चिपके आरझकों का आखिर क्राइम ब्रांच से कैसा मोह जुए सट्टे गांजा स्मैक की फड़ दाल में कुछ काला तो है

 

 

 

 

 

 

 

 

योगेश शर्मा नाम ही काफी है सत्यमेव जयते

 

*सालों से जमे आरक्षक क्राइम ब्रांच में*
ग्वालियर।शहर में अपराध को नियंत्रित करने व थानों पर अंकुश लगने के लिए शहर में पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में अपराध शाखा संचालित की गई है । पर जिस तरह से ग्वालियर की अपराध शाखा में आरक्षक कई सालों से जमे हुए है उससे कई अपराधों को शहर में बढ़ावा मिल रहा है और पुलिस अधीक्षक महोदय की अपराध शाखा भ्रष्टाचार की बेली चढ़ चुकी है शहर में चल रहे सट्टा जुएँ और वेश्याव्रती के अड्डे धड़ल्ले से चल रहे हैं वंही गांजे व ड्रग्स का कारोबार भी शहर में बढ़ रहा है और अपराध शाखा के जिम्मेदार आँखें मूंदे सो रहे हैं जिसका खामियाजा शहर की जनता भुगत रही है और इसका सीधा कारण वो आरक्षक है जो सालों से अपराध शाखा में जमे बैठे है इनका गठजोड़ इन सट्टा कारोबारियों ,नशे के व्यापारीयों व वेश्यावृत्तिकराने वालों के साथ हुआ प्रतीत होता है सूत्रों की माने तो बहुत मोटा माल इन आरक्षकों को मिल रहा है जिसकी वजह से यह आरक्षक अपराध शाखा छोड़ना नही चाहते जिसका स्पष्ट उद्धरण तब मिला जब दो आरक्षक अपराध शाखा में आये तो इन जमे हुए आरक्षकों ने ऐंन केन तरीके अपना कर उन्हें अपराध शाखा में जमने नही दिया और अपने राजनीतिक सम्बन्धो का उपयोग कर हटावा दिया गया।

*कौन कितने साल से जमा है*
वैसे तो अगर देखा जाये तो हर सरकारी विभाग में ट्रांसफर पालिसी होना लाजमी है लेकिन पुलिस विभाग के क्रांइम ब्रांच में अगर देखा जाये तो कइ सालों जमें आरझकों के लिये कोइ ट्रांसफर पालिसी लागू नही होती जबकी एक नजर शहर के बढते अपराधों की और डाली जाये तो शहर का अपराध ग्राफ दिनों ओ दिन बढ़ रहा है वही सूत्र तो बताते है की क्राइम ब्रांच में पदस्थ तथाकतिथ आरझक शहर में चल रहे जुए सट्टें की मलाई चाट रहें वही ये वे कुछ धुरंधर पुलिस कर्मी है जो सालों से क्राईम ब्रांच में पदस्थ है रणवीर यादव 4 साल से आर शिवशंकर शर्मा 7 साल से
आर रूपेश शर्मा 5
आर प्रमोद शर्मा 5 साल
आर नवीन पाराशर 6 साल से
आर देवेश कुमार 6 साल से
आर रामवीर सिंह 6 साल से
आर रोहित 5 साल से आर सतीश राजावत 6 साल से प्रआर हरेंद्र गुर्जर 6 साल से
प्र आर अजय शर्मा 5 सालसे प्र आर मनोज 7 साल से इसी क्रांईम ब्रांच में पदस्थ है और अगर भूले भटके इनकी पोस्टिंग अगर अन्य थाने में हो भी जाती है तो ये धुरंधर अपने राजनैतिक आकाओं की सह पर फिर क्राईम ब्रांच में आ जाते है जबकी ग्वालियर शहर में कई थानों में एक से एक अच्छे पुलिस कर्मी मौजूद है जिनकों कभी क्रांईम ब्रांच में आने का मौका तक नही मिलता

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