
योगेश शर्मा नाम ही काफी है सत्यमेव जयते
*परिवहन विभाग में चेकपॉइंटों पर पोस्टिंग की मलाई चाटने को दिए पाँच-पाँच लाख*
ग्वालियर। हिन्दी में एक कहावत है कि कुत्ते की दुम सीधी नही हो सकती चाहे जितने जतन करलो यह कहावत मध्यप्रदेश के परिवहन विभाग में सही साबित हो रही है । जँहा परिवहन मंत्री और मुख्यमंत्री के लाखों प्रयासों के बाद भी विभाग से भ्र्ष्टाचार की विदाई नही हो पा रही है ताजा मामला टीएसआइओं के प्रमोशन को लेकर पाँच पाँच लाख रुपये टी एस आईयों से लिये गए का सामने आया है जिसमें उन्हें पैसा लेकर मलाई चाटने के लिए पोस्टिंग दी जाएगी । सूत्रों की माने तो भोपाल कैम्प में आयुक्त महोदय के एक खासमखास आर टी आई और उसकी चहेती दो महिला आर टी आईयों ने विभाग के टी एस आईयों से पाँच लाख रुपये में प्रमोशन हेतु परिवहन आयुक्त महोदय को देने के लिए फोन करके मांगे है जोकि आयुक्त महोदय तक पँहुच भी गए है जिसके चलते बार बार टल रही रोटेशन लिस्ट भी जल्द ही आ जायेगी । पर जो लोग विभाग में भ्र्ष्टाचार को खत्म करना चाहते है वो भी जल्द ही कुछ विशेष सबूतों के साथ केंद्रीय विजिलेंस में जाने की तैयारी कर चुके है शिकायत तैयार कर ली गई है बस उसे पहुचाने भर की देर मात्र शेष है । जाँच एजेंसियों की जद में पैसे देने व लेने वाले दोनों आएँगे और उनका पांच लाख दे कर करोड़ो कमाने का सपना धरा का धरा रह जायेगा ।
*परिवहन आयुक्त की भूमिका भी शक के घेरे में*
एक आई पी एस अधिकारी बहुत ही विशिष्ट प्रशिक्षण के दौर से गुजरता है इसलिए उससे ऐसी उम्मीद करना कि वो उसी के विभाग में चल रही अनैतिक गतिविधियों से अनभिज्ञ है मुमकिन प्रतीत नही होता और परिवहन आयुक्त आजकल जिस तरह से उनके नाम पर मांगी जा रही पाँच लाख की रिश्वत को लेकर अनजान बन रहे है यह उनके प्रति सन्देह पैदा करता है यदि वाकई ऐसा है कि उन्हें इस बात की जनकारी नही है तो यह और भी गंभीर विषय हो जाता है क्योंकि यह उनकी विभाग का नेतृत्व करने की क्षमता पर प्रश्न उठता है । किसी का फोन न उठने व मिलने में कंजूसी करने वाले परिवहन आयुक्त से तो हम एक पत्रकार के तौर पर बस इतना ही कहना चाहते हैं कि इस तरह की खबरों को विराम देने के लिए अपने चहते भोपाल कैम्प के उस आर टी आई और महिला आर टी आइयों को तुरंत हटाये नही तो जाँच का दायरा कँही आप तक ना आजाये
*परिवहन मंत्री देखते रह गये मेला। प्रमोशन के नाम पर 1.5 करोड कर दिया टीसी ने खेला*
जी हां भोपाल कैंप आफिस में पदस्थ एक आरटीआइ एंव। 2-3 महिला टीएसआइओं ने 5-5 लाख रुपये 30 टीएसआइयों लेके 1.5 करोड बढ़ा खेला कर दिया शाहब और इस खेला में परिवहन टीसी को पहुंचा दिया नोट भरकर छोला एंव परिवहन मंत्री देखते रह गये मेला आखिर यह क्या हो गया इस परिवहन विभाग को की इसमें भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम ही नही ले रहा एक तरफ माननीय मुख्यमंत्री जी एंव परिवहन मंत्री ने चैकपोस्टों को बंद कर अरबो की अबैध पर लगाम लगा दी थी जिसके बाद ट्रक चालकों ने राहत भरी सांस ली लेकिन अभी हाल ही में परिवहन चैक पोस्ट बंद हुये 3 माह बीते भी नही है यहां शादीशुदा महिलाओं का सोंखींन चमडी का पुजारी जानबर जैसी शक्ल का हवसी सिन्डीकेड आरटीआइ कैंप आफिस में पदस्थ और उसकी खासम खास टीएसआइ को ऐसी हराम दाढ लगी है जो समय समय पर हराम की माया मांगती रहती है और सूत्र तो बताते है की इस माया की काया की हवा टीसी को भी लग गई है और इस काली माया को पाने के लिये कुछ इमानदार टीएसआइयों को प्रमोशन का लालच दिया जाने लगा और उनसे 5-5 लाख प्रती टीएसआइ लेने लगे और टोटल कलेक्सन 1.5 करोड करके टीसी तक पहुंचा दिया लेकिन इस बात की जानकारी शायद परिवहन मंत्री को नही है की आखिर यह खेला कब हो गया बैसे हमें क्या करना इस खेला है हमारा काम तो भ्रष्टाचार की खबरों को प्रकाशित करना है
