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राजधानी पुलिस प्रशासन फैल ड्रग रेकेट ना जाने कितने लोगो को कर दिया बर्बाद भ्रष्टाचार चरम पर

योगेश शर्मा नाम ही काफी है सत्यमेव जयते

भोपाल प्रशासन की भ्रष्ट कार्यप्रणली और लाचार पुलिसया सिस्टम की बदौलत आज इतने बढे ड्रग कांड की किताब अभी तक क्यू नही खुली यह सवाल प्रदेश के हर वर्ग के लोगों की जुंवा पर मौजूद है जबकी देखा जाये तो मप्र को चलाने बाली राजधानी भोपाल में प्रदेश की मुखिया से लेकर वरिष्ट अधिकारी रहते है लेकिन फिर भी राजधानी के रिहायसी इलाके में इतना बढा ड्रग रेकेट संचालित किया जा रहा था जबकी एक नजर राजधानी की लापरवाह पुलिस पर डाली जाये तो इनको जुये सट्टें लूट हत्या जैसे संगीन अपराधों की जानकारी तो रहती है क्योकी इन अपराधो से भोपाल पुलिस के कमाइ के साधन जो उपलब्ध रहते है वही सूत्र तो बताते है की इस ड्रग रेकेट की जानकारी राजधानी के कुछ भ्रष्ट नेताओं से लेकर भ्रष्ट अधिकारियों के पास पहले से थी और इस ड्रग रेकेट को संचालित करने बाले आरोपियों से भोपाल प्रशासन करोडों रुपये कमाने में व्यस्थ था और आज ना जाने लाखों युवा इस ड्रग्स को लेना सीख गये है वही जानकारी के अनुसार
ड्रग्स फैक्टरी के गोदाम से मिला भारी कच्चा माल राजधानी की पुलिस ने मंगलवार को ड्रग्स फैक्टरी के गोदाम पर छापा मारकर बड़ी मात्रा में एमडी ड्रग्स बनाने के काम आने वाला कच्चा माल बरामद किया है। यह कार्रवाई शनिवार को बगरौदा औद्योगिक क्षेत्र में किराए की फर्नीचर फैक्टरी में छापा मारकर अवैध रुप से बनाई जा रही ड्रग्स को बरामद करने के बाद की गई है। बरामद कच्चे माल की कीमत हालांकि 30 लाख रुपए है , लेकिन इससे करीब तीन सौ करोड़ की ड्रग्स बनाई जा सकती थी। पुलिस को छापे के दौरान मिली सामग्री जप्त करने के लिए मिनी ट्रक को बुलाना पड़ा है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अवधेश गोस्वामी के नेतृत्व में छापा मारने के दौरान गणेश मंदिर के समीप स्थित एक दुकान का ताला तोड़ा गया तो उसके अंदर रखा सामान देखकर पुलिस भी भौचक रह गई। इसकी वजह थी, वहां पर मौजूद सामान। दुकान को अमित कुमार चतुर्वेदी ने सिंथेटिक ड्रग्स यानि की एमडी ड्रग्स बनाने में उपयोग आने वाले कच्चे माल का गोदाम बना रखा था। मौके पर पुलिस को गत्ते के करीब 50 बाक्स, आठ नीले रंग की दो सौ लीटर क्षमता वाली प्लास्टिक की टंकिया और 20 लौहे के ड्रम मिले हैं। टंकी और ड्रम भरे हुए थे , जबकि गत्ते के बाक्स में भी सामान रखा हुआ था। इस पूरे जब्त सामान को पुलिस ने कटारा हिल्स थाने में रखवा दिया है, जबकि गोदाम के रुप में उपयोग होने वाली दुकान को सील कर दिया गया है। बरामद सामान में अधिकांश ऐसा कच्चा माल है जो आसानी से बाजार में मिल जाता है। इसका वैज्ञानिक रुप से प्रोसेस करने के बाद ही एमडी नामक ड्रग्स बनता है, जिसकी नशे की दुनिया में बहुत अधिक कीमत होती है। तीन माह पहले ही ली थी किराए पर दुकान पुलिस के मुताबिक जिस दुकान का उपयोग गोदाम के रुप में किया जा रहा था, उसे अमित ने पांच हजार रुपए प्रति माह के किराए पर इसी साल 12 जुलाई को किराए पर लिया था। पुलिस को दुकान के किराए का एग्रीमेंट भी मिला है। यह दुकान रापडिय़ा निवासी बिष्णु पाटीदार की है। अब पुलिस उन पर भी बीएनएस के तहत कार्रवाई करने जा रही है। दरअसल, उनके द्वारा दुकान किराए पर दिए जाने की जानकारी पुलिस को नहीं दी गई थी। क्या और कितनी मात्रा में मिला पुलिस को छापे में 1600 लीटर एसीटोन, 1000 लीटर टोलविन,100 लीटर एचसीएल, 200 किग्रा सोडियम कार्बोनेट पाउडर, 240 लीटर सॉल्वेंट, 42 बोतल ब्रोमिन, 20 लीटर तरल पदार्थ , 50 किग्रा मैथलामिन हाइड्रोक्लोरिड, 50 किग्रा लाइट सोडा ऐश, 10 किग्रा क्रिस्टल दानेदार पाउडर एंव 10 लीटर अन्य तरल पदार्थ मिला है, जिसकी पहचान होना है। और गोदाम होने की जुटा रही जानकारी पुलिस को इसी तरह के एक दो और गोदाम होने की जानकारी मिल रही है। इसकी पुलिस तस्दीक कर रही है। यह गोदाम नर्मदापुराम रोड़ पर होने की संभावना है। पुलिस का अनुमान है कि उन गोदामों में भी भारी मात्रा में ड्रग्स बनाने के काम आने वाली कच्चा माल हो सकता है। शाम होने के बाद खुलता था गोदाम आसपास के लोगों का कहना है कि जिस दुकान का उपयोग गोदाम के रुप में किया जा रहा था। उसे अमित द्वारा देर शाम को कुछ देर के लिए खोला जाता था। इस दौरान अंदर से कुछ माल अलग-अलग वाहनों से ले जाया जाता था। हालांकि यहां रखा जाने वाला कब आता था। इसके बारे में आसपास के लोग कुछ नहीं बता सके हैं। राजस्थान व महराष्ट्र में करते थे सप्लाई गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में जांच एजेंसियों को बताया है कि स्थानीयय पुलिस से बचने के लिए वे लोग ड्रग्स को प्रदेश की जगह अन्य राज्यों में भेजते थे। उनके द्वारा तैयार किया गया ड्रग्स राजस्थान व महाराष्ट्र में सप्लाई किया गया है। यह भी जानकारी अब सामने आयी है कि भोपाल में एमडी ड्रग्स बनाने के लिए जो मशीनें लगाई गई , उन्हें महराष्ट्र से लाया गया था। इस पर करीब 50 लाख रुपये खर्च हुए थे। इसके लिए राशि मंदसौर निवासी हरीश आंजना ने प्रदान की थी। वह भी नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की हिरासत में है। अब इस मामले में भोपाल पुलिस सह भी पता लगा रही है की कहीं और तो पर्दे के पीछे नही है। इसके अलावा मंगलवार को एनसीबी अमित और सान्याल को लेकर बगरोदा स्थित फैक्ट्री भी गई। वहां से दोनों की उपस्थिति में नमूने लिए गए। दरअसल, सोमवार को अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में आवेदन देकर जब्त माल की शुद्धता प्रमाणित करन के लिए नमूने लेने और उन्हें प्रयोगशाला भेजने की अनुमति मांगी थी।

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