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थाना है या विवादों का घर थाना इंदरगंज टीआइ की कार्यशैली पर उठें सवालियां निशान

 

 

 

 

 

 

 

 

 

योगेश शर्मा नाम ही काफी है सत्यमेव जयते

 

**विवादित थाना इंदरगंज फिर सुर्खियों में थाना प्रभारी को नही है होश **
ग्वालियर – शहर के वहुचर्चित थाना इंदरगंज का नाम तो आप लोगो ने सुना ही होगा यह वही थाना है जो थाना कम विवादघर जाता लगता है अब ईस थाने को विवाद घर हम नही कर रहे झेत्र की जनता कह रही है क्योकी इस थाने में जब से दबंग टीआइ धरमेन्द्र कुशवाह जिनकी लातों की दास्तां आपने कई सोसल मीडीआ पर देखी प्लैटफोर्म पर देखी ही होगी महाशाय जब से इस थाने पदस्थ हुये है तब से आज दिनांक तक इस थाने में विवाद होते रहते है लेकिन इस बात की चिंता थाना प्रभारी को विल्कुल नही और आखिर चिंता हो भी क्यों जब ऊपर बैठे आका मैहरबान तो टीआइ शाहब पहलवान जबकी थाना प्रभारी का काम होता है अपने झेत्र में शान्ती व्यवस्था बनाये रखने के लिये इलाके बालों समझना झेत्र में विवादों का सही रूप से निपटारा कराना और पीढित पझ को न्याय दिलाना लेकिन इस थाने में ऐसा कुछ देखने को नही मिलता यहां तो आये दिन देखने को मिलती है लाते कहीं टीआइ शाहब द्वारा व्यापारियों में लात मारना कही थाने के अंदर थाना स्टाफ में जूतमफाड होना कही थाने के स्टाफ द्वारा पत्रकारों का मोबाइल लूटना और तो और कही, लाचार पीढित महिला को न्याय ना देते हुये थाने के बाहर 4 घंटे विठालकर का अपने थाने की कारगुजारी दिखाकर शहर की आम जनता की हसी खिल्लियों उडबाना यही काम रह गया थाना इंदरगंज का पर सबाल यह खडा हो रहा की आखिर इतना सब कुछ होने के वरिष्ट अधिकारी इन सम्मानिय थाना प्रभारी को दूसरी जगह क्यों नही भेजते आखिर क्यों फैबिकाल की तरह थाना प्रभारी जी को इसी थाने में चिपका कर रखा जाता है और जबकी देखा जाये इसी थाने झेत्र में एक बढी जुये सट्टे की फड़ रामकुई पर चलती है कही इन फडो के कनेक्सन इस थाने से तो नही है बैसे त्योहार दिवाली नजदीक है और खर्चे भी बहुत होते खैर इससे हमें क्या ये तो सूत्र बताते है और हम खुलासा करते है अब बात करते है आज की इस घटना की
**4 घंटे से थाने के बाहर बैठी पीढित महिला और उसके बच्चों की नही ली ऐफआईआर
घटना आज सुबह की जब थाना इंदर गंज के बाहर एक लाचार भूकी प्यासी महिला कई घंटो से थाने के बाहर धूप में बैठी थाने पर आरोप लगाते हुये अपनी दस्तां शहर की जनता को सुना रही थी लेकिन थाना प्रभारी तो वेसुध ही रहते उन्हे क्या मतलब लेकिन थाने में बैठा स्टाफ भी शायद थाना प्रभारी जी के दिखाये रास्ते पर ही चल रहा है वे भी उस महिला की सुनने थाने के बाहर तक नही आये लेकिन जब खुलासा टाइम्स.काम की टीम को इस बात की खबर लगी तो हमनें मौके पर जाकर देखा की बाकई उस महिला को न्याय नही मिल रहा और तो और थाने में बैठा कोइ पुलिसकर्मी ने महिला को भगाने का प्रयास किया और एक महिला आरझक ने तो पीढित महिला को मारने का भी प्रयास किया ये हम नही कह रहे ये पीढिता ने हमें बताया जिसके बात हमारी टीम ने थाने के अंदर बैठे होनहार इमानदार पुलिसकर्मियों को मामला बताया तब जाकर उनके कानों में उस महिला की आवाज सुनाई दी और उसकी एफआईआर लिखी गई यह आलम है इंदरगंज थाने का वही आपको बता दे की खुलासा टाइम्स ने इस थाने की कार्यगुजारीयों का पहले भी कई खुलासे किये है लेकिन सूत्र तो बताते है थाना प्रभारी पत्रकार योगेश शर्मा के ऊपर ही मान हानी करने की योजना बना रहे अंत में अब हम यही कहेंगे की अगर सच्चाई लिखना गुनाह है तो इस गुनाह को में पत्रकार योगेश शर्मा हंसते हंसते कबूल करुंगा सत्यमेव जयते

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