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परिवहन माफिया के बाप बने ट्रांसपोर्ट यूनियन नेता एंव तथाकथित दल्ले मीडीआ हाउस

 

 

योगेश शर्मा नाम ही काफी है सत्यमेव जयते

 

 

परिवहन के मैदानी कर्मचारियों से मारपीट करने वालों को ब्लैकमेलर मीडिया और इंदौर के ट्रांसपोर्टर की सह*

एक योजनाबद्ध तरीके से कुछ तथाकथित ब्लैकमेलर पत्रकार मीडिया के सहयोग से परिवहन विभाग को बदनाम करने की साजिश रच रहे हैं जिसके सूत्रधार कुछ राजनैतिक लोग व ट्रांसपोर्टर हैं जिनका सीधा सरोकार परिवहन विभाग से है उसमें भी इंदौर के कुछ ट्रांसपोर्टर तो इस तरह अराजकता फैलाने पर उतारू हैं कि उन्होंने अपने ट्रक चालकों को सीधे निर्देश दे रखे हैं कि परिवहन विभाग के अधिकारियों से जानबूझकर पंगा लो वीडियो बनाओ और फिर वीडियो हमे भेजो । जिसके चलते कई मारपीट व मुँहवाद के वीडियो वायरल हैं जिसमे काँग्रेस के एक प्रदेश के बड़े नेता का भी हाथ सूत्र बता रहे हैं । और साथ ही यह बात भी बड़ी आम हैं कि भाजपा के एक मंत्री भी जो परिवहन विभाग से आहत है वो भी खुल कर इन अराजक ट्रांसपोर्टरों की मदद कर रहे हैं उनकी तरफ से इन्हें खुली छूट दे दी गयी है । जिसके चलते बार बार परिवहन महकमे के जमीनी कर्मचारियों पर हमले करने वाले बेख़ौफ़ हो गए हैं अगर यूँही चलता रहा तो जल्द ही परिवहन सिंडिकेट अपनी चाल में कामयाब हो जाएगा और प्रदेश में एक बार फिर परिवहन विभाग उन्ही ठेके के गुंडों की गिरफ्त में आ जायेगा और फिर से लठ्ठमार अवैध वसूली शुरू हो जाएगी चेकपोस्टों के ठेकेदारों की जेबें तो भरेनेगी पर शासन को राजस्व की हानि होगी खैर ये तो भविष्य के गर्भ में छुपा है की क्या होगा पर जल्द ही मोहन सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिये नही तो प्रदेश को अराजक तत्वों से बचना मुश्किल हो जाएगा और काँग्रेस इस मुद्दे को खूब भुनायेगी । मोहन सरकार को चाहिए कि जल्द ही एक स्पष्ट नीति के साथ उसके क्रियान्वन को प्रभावी बनाये और दिनबदिन हो रही राजस्व हानि को तो रोके ही साथ ही बेख़ौफ हो रही ट्रांसपोर्टर लॉबी पर भी अंकुश लगाए । मुख्यमंत्री को ऐसे मंत्रियों पर भी सख्त रुख अख्तियार करना चाहिए जो अपने स्वार्थ के चलते परिवहन विभाग में लगतार हस्तक्षेप कर रहे है और अराजक तत्वों और भ्रष्टाचारियों की मदद कर रहे हैं

*क्या कहता है इंदौर में मीडिया और ट्रांसपोर्टरों का गठबंधन*
खूबसूरत शहर इंदौर और उसकी इंदौरियत का बदनाम कर रही कुछ तथाकथित ब्लैकमेलर मीडिया आजकल जिस तरह से परिवहन विभाग को बदनाम करने में अपना पूरा सामर्थ झोंके हुए है उससे तो लगता है कि पुरानी व्यवस्था के बंद होने के बाद इनको कोई बहुत ही गहरा आघात हुआ है जिसकी वजह से यह तिलमिला गए है यदि आप यह सोच रहे है कि इंदौर में ही क्यों, पूरे प्रदेश के परिवहन विभाग की रेवड़ी खाने वाले पत्रकारों को ही आघात पँहुचा है पर इंदौर की कुछ मीडिया रेवड़ियों से बड़कर सोचती है सूत्रों का कहना है कि इंदौर की इस तथाकथित ब्लैकमेलर मीडिया ने ट्रांसपोर्टरों के ट्रकों को गोद लिए हुआ है और इसके एवज में पाँच पाँच हजार रुपये महीना प्रति ट्रक वसूले जाते हैं एक एक मीडिया 100 500 ट्रक तक का ठेका लेकर बैठी है । अब जब नई व्यवस्था के चलते उनकी दाल नही गल पा रही है और नए आये अधिकारियों ने सारे दबाब को दरकिनार कर कार्यवाही करनी चालू कर दी है तो अब इस मीडिया को वो अखर ने लगा हैं और हो भी क्यों ना अपने माई बाप ट्रांसपोर्टरों से भीख में मिल रही मोटी कमाई जो नही हो पा रही । इसलिए अब यह मीडिया अपने माई बापों के द्वारा कांटछांट के दिये गए मारपीट के वीडियो को तोड़ मरोड़ कर परिवहन विभाग की बदनामी कर रही है ताकि अपने आकाओं को खुश करने में कामयाबी हासिल कर सके और शासन पर दबाब बना सके । इस तरह की मीडिया वालों की खबरों पर सरकार को ध्यान नही देना चाहिए यह कुछ दिन मेंढक की तरह टर्रायेगी और फिर जब इनके आका पैसा नही देंगे तो अपने आप ही टर्राना बन्द कर देगी।

*सूत्र तथाकथित न्यूज चैनल ट्रांसपोर्ट यूनियन के आका एंव विपझ का बढा नेता एंव एक मंत्री के गठजोड़ की दम पर पनप रहा परिवहन माफिया ऐसे होता खेला*
राजधानी भोपाल सूत्रों से खबर आ रही है की इस परिवहन विभाग चल रहे सच्चे एंव अच्छे पारदर्शिता कार्यों में सबसे जादा बाधा इंदौर के कुछ लोग डाल रहे है इसका पहला कारण है पूर्व में जो परिवहन विभाग से भीक इनकों मिलती थी बो अब बंद हो गइ है इसी कारण ये लोग देशी कुत्तों के माफिक इमानदारी से कार्य करने बाले परिवहन स्टाफ को काटने को दौड़ रहे है वही इसका दूसरा कारण बताते है पूर्व में ट्रान्सपोर्ट यूनियन के 2 अध्यझ जिनकी करीब 500-500 ट्रक चलते है ये मप्र के किसी भी परिवहन चैक पोस्ट पर अपने बाहनों को चैक नही कराते थे और अगर इनके ट्रक किसी भी चैकपोस्ट पर चैक अगर हो भी जाते तो परिवहन विभाग के पूर्व अधिकारियों के पास इनके फौन पहुंच जाते और तो और इनका साथ इंदौर का एक तथाकथित ब्लैकमेलर पत्रकारों का न्यूज चैनल देता जो की इन ट्रांन्सपोर्ट यूनियनों के बापों के चल रही 500-500 गडियों से प्रति माह प्रति वाहन 5000 रुपये लेता था एंव सूत्र तो यहां तक बताते है की इस न्यूज चैनल में करोडो रुपये की फंडिग मप्र एक मंत्री एंव मप्र के कांग्रेस के बढे नेता की है और यही कारण है की आज परिवहन माफिया अपने राजनैतिक बापों तथाकथित दल्ले ब्लैकमैलर मीडीआ एंव ट्रांसपोर्टर यूनियन माफिया की सह पर पनप रहा है और झूटी बीडियों बायरल कर परिवहन विभाग को बदनाम करने की साजिश करा रहा है
सत्यमेव जयते

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