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परिवहन सिन्डीकेड‌ आरटीआइ दलाल एंव पत्रकारों की नई चाल कोर्ट में प्रीटीसन दायर कर चैकपोस्टो को दोबारा शुरू कराने की बना रहे योजना

परिवहन सिन्डीकेड‌ आरटीआइ दलाल एंव पत्रकारो की नई चाल कोर्ट में प्रीटीसन दायर कर चैकपोस्टो को दोबारा शुरू कराने की बना रहे योजना
जी हां परिवहन सिन्डीकेड के खास आरटीआइ दलाल एंव तथाकतिथ फर्जी पत्रकार परिवहन नाको को दोवारा शुरू कराने की योजना बना रहे सूत्रो से खबर है की आये दिन होटलो एंव रिसार्टों पर इन सिन्डीकेड मेंबरों की लंबी लंबी मीटिंगे चल रही है की आखिर कैसे परिवहन चैकपोस्टों को द्वारा शुरू करा कर गरीब ट्रक चालको का खून पिया जाये और उनसे लाखों करोडो रुपये की उगाही की जाये जानकरी के मुताबिक माननीय हाइकोर्ट में जल्द एक प्रीटीसन दायर करने की जद्दोजहद जोरो पर चल रही है और इस सिन्डिकेड को फिर से संचालित किया जाये और इस कार्य में इनका साथ परिवहन के दलाल खबरची देने में सबसे जादा उत्साहित हो रहे है
परिवहन आयुक्त एंव प्रवर्तन आयुक्त की फर्जी एंव झूटी खबरें छपबाने का बनाया सिन्डीकेड ने नया धंधा
बैसे तो अक्सर आपने देखा और सुना होगा की धंधा कोइ भी हो छोटा या बढा धंधा उस व्यक्ति की जीवन शैली में बहुत मायने रखता है लेकिन धंधा इमानदारी से किया जाये तो उसका सुखद एहसास ही अलग है लेकिन परिवहन सिन्डीकेड मेंबर के भ्रष्ट धंधो की लंका लग गइ है क्योकी जब से परिवहन चैक पोस्ट बंद क्या हो गये इस सिन्डीकेड‌ से जुडे दलाल आरटीआइ एंव खबरची देशी कुत्तों की भांती सडकों पर आ गये है। इसी के चलते इस परिवहन सिन्डीकेड मेंम्बरों ने एक नया धंधा शुरू कर दिया है इस धंधे में वे तथाकथित ब्लैकमेलर पत्रकार जो की सड़कों पर सब्जी के ठेले भूतकाल में लगाया करते थे जो की 10 बी फैल है वे सभी दलाल खबरची परिवहन सिन्डीकेड की गुलामी करके परिवहन विभाग के इमानदार एंव वरिष्ट अधिकारियों की झूटी खबरे निकल रहे है और तो और परिवहन सिन्डीकेड का साथ देकर उन इमानदार अधिकारियों के ऊपर दबाव बनाने कार्य कर रहे है क्योकी जब सिन्डीकेड मेंम्बर सडक पर जो आ चुके है और इसी फर्जी धंधे का सहारा लेकर वे सिन्डीकेड अपना जीबन यापन करने को मजबूर है
तथाकथित दल्ले पत्रकारों ने सिंडिकेट के कहने पर क्या क्या नही लिखा विभाग के पूर्व अधिकारी व मंत्री को
परिवहन विभाग के कुछ आर टी आइयों से मिलने वाली सुविधाओं के चलते खबरियों ने मंत्री से लेकर संतरी तक जो भी इनके रास्ते में आया उनको जिस तरह भी चाहा बदनाम किया । पूर्व में कई अधिकारीयों को अपशब्द तक लिखे गये उनकी फोटो को एडिट भी करी गई वे अधिकारी इनकी इस हरकत से इतने परेशान हुए की उन्होंने जनसंपर्क में फोन कर इनके अखबारों को ही चैलेंज किया जिसके चलते इनके कई अखबार कइ दिनों तक प्रतिबंधित रहे वही आज कल ये अपने चहेते आर टी आइयों के लिए परिवहन आयुक्त और अपर आयुक्त के लिए भी उसी गंदी बाजारू भाषा वाली शैली का प्रयोग कर रहे हैं ताकि किसी भी तरह से अपने सिंडिकेट के आकाओं खुश कर सकें । पर जिस तरह से परिवहन आयुक्त और अपर आयुक्त इस समय इनकी नकेल कसे हुए है उसके चलते तो अब बहुत से खबरची तो अपनी मंहगी गाड़ियों की क़िस्त तक के लिए मौहतज हो रहे हैं । अपने एक पन्ने के अखबार में अधिकारियों से उनकी सम्पति पूछने वाले कभी अपनी सम्पति के बारे में सुनते ही पता नही क्यों बौखला जाते हैं । मेरा मानना तो ये है कि पहले अपनी आय व्यय का ब्यौरा छापो फिर किसी औरका पूँछो
*सिन्डीकेड की सिखाई हुइ भाषा को लिखना दलालों का बना न्यू ट्रेंड
ग्वालियर । आजकल एक नया ट्रेंड तथाकथित एक पन्ने वाले खबरियों फर्जी दलाल पत्रकारो ने अपना रखा है जिसके चलते पहले किसी भी विभाग के एक अधिकारी को टारगेट कर उसके खिलाफ ऊलजलूल बातें छपी जाती है फिर उसे विभाग और अन्य गणमान्य लोगों को भेजा जाता है सूत्र के नाम पर कुछ भी बिना सबूतों के व प्रश्न चिन्ह लगा कर छापा जाता है और फिर अलग अलग लोगों से उस अधिकारी को फोन कर प्रतिक्रिया जानी जाती है यदि कोई परिपक्व अधिकारी इन बातों पर ध्यान न दे तो बाजारू भाषा में उसे तब तक इतने अपशब्द लिखे जाते हैं की वो इनके दबाब में आ जाये । बेशर्मी के लेखन में इन्हें इतनी महारत हासिल है कि ये मंत्री को नथ और पायल पहनने से भी न हिचके कोई अधिकारी अपनी ड्यूटी इमानदारी और सासन के निर्देनुसार करें और फर्जी खबरों पर एक्सन लेले तो ये खबरची उसके व्यक्तिगत जीवन को भी सार्वजनिक करने से न कतराएं । इसपर यदि कोई इनपर वैधानिक कार्यवाही करना चाहे तो इनका एक पन्ने का पीडीएफ वाला अखबार पूरे ग्वालियर शहर में ढूंढने से नही मिलता । जनसंपर्क विभाग के पास भी इनकी कॉपी का रिकॉर्ड मिलना बड़ा मुश्किल है और ऊपर से ये खबरची बड़े चालक है जो कानूनों की बारीक खामियों का भरपूर फायदा उठाते हैं और केवल सोशल साइटों के मध्यम से ही अपनी करतूतों को अंजाम देते है शायद ऐसे ही लोगों के चलते लागू हुए नए कानूनों में बदलाव किये गए है । तथा जनसंपर्क में भी पूर्व की शिकायतों व नियमितता को लेकर जल्द ही एक्शन की बात ही रही है ।

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