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परिवहन विभाग तो यूं ही बदनाम है असली वसूली बाज ट्रांसपोर्ट यूनियन के कुछ नेता करते हैं झूठी शिकायतें

 

 

 

 

 

 

योगेश शर्मा सत्यमेव जयते नाम ही काफी है

*कहते हैं कि गरीब की लुगाई सौ।गांव की भौजाई लेकिन ट्रांसपोर्ट यूनियन नेताओं के लिए एक नई कहावत।*
*सुनाई में आ रही है के मूर्ख? की लुगाई प्रति ट्रक पाँच हजार रुपये की करेगी उगाई*
बिलकुल इस कहावत को सुनकर आपको हंसी जरूर आएगी।लेकिन सच्चाई यही है पूर्व में परिवहन विभाग में चेक पोस्टों को संचालित किया जाता था।इन चेक पोस्टों से होते हुए हजारों लाखों ट्रक एक शहर से दूसरे शहर एक राज्य से दूसरे राज्य आते जाते रहते थे जिनकी देखरेख के लिए पूर्व में संचालित परिवहन चेक पोस्टों पर इंफोर्समेंट कर्मचारी तैनात रहा करते थे इन कर्मचारियों का काम रहता था सड़कों पर दौड़ रहे बड़े वाहनों की जांच पड़ताल करना और कमी होने पर उन पर नियमानुसार चालानी कार्रवाई करना लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया वैसे वैसे ट्रांसपोर्ट यूनियन के कुछ तथाकथित नेता इस परिवहन विभाग से अपना अवैध धंधा करने की योजना बना बैठा।
इन कुछ ट्रांसपोर्ट यूनियन के नेताओं ने कई ट्रक मालिकों के साथ मीटिंग की और उस मीटिंग में यूनियन।के नेताओं ने ट्रक मालिकों के कान भरना शुरू कर दिए उदाहरण जैसे किसी एक ट्रक मालिक के पास 100 ट्रक हैं और उन सौ ट्रकों को परिवहन चेक पोस्टों से बिना किसी रोक टोक। के निकलवाने की गारंटी कुछ तथाकथित ट्रांसपोर्ट यूनियन के नेताओं ने लेली चाहे ट्रक ओवरलोड हो बिना कागज के हो या चाहे उस ट्रक में हजारों कमी हो उसके बावजूद भी उन ट्रांसपोर्ट यूनियन के नेताओं ने इन सभी की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि तुम्हारे ट्रकों को कोई परेशान नहीं करेगा। लेकिन इसके एवज में आप हमें 5000 से 10000 रुपये प्रति माह देना वहीं से यह सिलसिला शुरू हो गया अब यह बात यह ट्रक मालिक की की गयी थी जिस पर उदाहरण के लिए100 ट्रक सड़कों पर दौड़ रहे हैं। तब ऐसे करके सैकड़ों ट्रक मालिक भी इन ट्रांसपोर्ट। यूनियन नेताओं के जाल में फँसने लगे जिनके पास हजारों ट्रक उपलब्ध है उन ट्रकों की ट्रांसपोर्ट यूनियन नेताओं ने लिस्टें बनाना शुरू कर दी उन लिस्टों को मध्य प्रदेश के प्रत्येक परिवहन चेक पोस्टों पर चिपका दिया गया किसी। की मजाल नहीं थी कि उन ट्रकों को रोक कर दिखा दें अगर भूले भटके कोई दबंग परिवहन अधिकारी ने उन ट्रकों को रोकने की जहमत या उस पर अगर कार्रवाई भी कर दी तो अंजाम उस परिवहन अधिकारी को तत्काल भुगतना पड़ता क्योंकि ट्रांसपोर्ट यूनियन के नेताओं द्वारा झूठी शिकायत सीधे सीएम साहब तक या फिर ऊपर दिल्ली तक की जाती है जिससे पूर्व में मौजूद रहे ट्रांसपोर्ट कमिश्नर। से लेकर अन्य परिवहन अधिकारी भी इन ट्रांसपोर्ट यूनियन नेताओं की झूठी शिकायतों से बचने के लिए उन ट्रकों को रोकने की हिम्मत तक नहीं करते और यही कारण है कि आए दिन ये ट्रक किसी न किसी सड़क पर चलने वाले छोटे वाहनों मोटर साइकिलों और आम आदमियों को चींटी की तरह रौंगते हुए निकल जाते हैं अरे वही सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर तब कहां चला जाता है ट्रांसपोर्ट यूनियन का नेता खैर इससे हमें क्या? जो आम जनता बोलती हैं हम तो वही लिखते हैं वहीं हाल की घटना में देखा गया कि पिटोल चेकिंग प्वाइंट पर एक व्यक्ति की मौत ट्रक द्वारा एक्सीडेंट।से की गई इस पर किसकी जिम्मेदारी है? परिवहन विभाग की यह ट्रक ड्राइवर की हमारे हिसाब से तो ट्रांसपोर्ट?यूनियन नेता की जिम्मेदारी है वो तो बात यही है कि मरने वाला मर कर चला गया और ट्रांसपोर्ट यूनियन के नेता उसकी लाश पर।
अपनी राजनीतिक रोटी सेकने का काम करने में लगे हैं लेकिन जानकारी के लिए बता दें कि अब वक्त। रोटी सेंकने का नहीं है क्योंकि यह परिवहन विभाग द्वारा पारदर्शिता के साथ कार्रवाही की जा रहा है नियमानुसार चालानी कार्यवाही भी की जा रही है और यही बात ट्रांसपोर्ट यूनियन के कुछ नेताओं को अखरने लगी है और वे नेता कुछ निजी मीडिया चैनलों जिनमें खुद ट्रांसपोर्ट यूनियन के नेता हिस्सेदार हैं उनके माध्यम से झूठी वीडियो और झूठी। शिकायतें करने में लगे हुए हैं पूर्व में भी इससे पहले ट्रांसपोर्ट। यूनियन नेताओं द्वारा अनूपपुर चेकिंग प्वाइंट पर किसी ड्राइवर को भड़काकर उससे झूठी शिकायत करवाई थी। लेकिन जब बाद में ड्राइवर ने एक वीडियो जारी करते हुए कहा। कि उसमें गलती उसके ट्रक की थी उसके ट्रक में कई कमियां थी। तब उस समय ट्रांसपोर्ट यूनियन नेताओं की नेता गिरी जमीन पर औंधे मुंह गिरी हम तो आखिर में इतना ही कहना चाहेंगे इन ट्रांसपोर्ट यूनियन के महान नेताओं से अगर आपको ट्रांसपोर्टरों की इतनी ही चिंता है तो ट्रक चला रहे उन। गरीब ड्राइवरों के घरों में जरा झाँक कर देखो। उनके बच्चों को देखो कैसी लाचार जिंदगी जी रहे हैं। उन विचारों की तनख्वाह बढ़वाओ उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलवाओ तब हम मानेंगे। अगर वाकई में तुम लोग सच्चे नेता हो तो करो उन गरीब ट्रक ड्राइवरों की मदद और चलवाओ ईमानदारी से हर ट्रक को बिना कमी पूरी ईमानदारी के साथ तब हम आपको मानेंगे कि आप वाकई में ट्रांसपोर्ट यूनियन के सच्चे नेता हो सत्यमेव जयते

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